Karva Chauth Vrat Katha
Karva Chauth Mata Vrat Katha नमस्कार सभी माताएं और बहनों को आप सभी का स्वागत है हमारी करवा चौथ व्रत कथा में चलिए शुरू करते हैं बिना किसी देरी के एक ब्राह्मण के सात पुत्र थे और वीरावती नाम की इकलौती पुत्री थी सात भाइयों की अकेली बहन होने के कारण वीरावती सभी भाइयों की लाड ली थी और उसे सभी भाईजान से बढ़कर प्रेम करते थे कुछ समय बाद वीरावती का विवाह किसी ब्राह्मण युवक से हो गया विवाह के बाद वीरावती मायके आई और फिर उसने अपनी भाभियों के साथ करवा चौत का व्रत रखा लेकिन शाम हो होते वह भूख से व्याकुल हो उठी सभी भाई खाना खाने बैठे और अपनी बहन से भी खाने का आग्रह करने लगे लेकिन बहन ने बताया कि उसका आज करवा चौथ का निर्जल व्रत है और वह खाना सिर्फ चंद्रमा को देखकर उसे अर्घ्य देकर ही खा सकती है लेकिन चंद्रमा अभी तक नहीं निकला है इसलिए वह भूख प्यास से व्याकुल हो उठी है वीरावती की यह ...